डा. विजय प्रताप सिंह
(वैसे तो कविता गागर में सागर होती है। परन्तु कभी-कभी मंच से पढ़ी जाने वाली ब्यंग रचनाओं को श्रोताओं के मनोरंजन हेतु खीच कर थोडा लम्बा कर दिया जाता है। १९९२ में लिखी मेरी यह हास्य व्यंग रचना कुछ ऐसी ही है)

यह कहते हैं समाज के कानून और कायदे
यही सोंच !
मैं मंदिर जा रहा था..और फेल होने के लिए ईश्वर को मना रहा था
लौट कर घर आया, तो पिता जी को नाराज पाया
पहुंचते ही मेरे गाल पर एक चाटा जमाया
और बोले नालायक !
नालायक ! मैट्रिक में तीसरी बार फेल आया है
मैंने कहा लड्डू खाइए…यही तो मैंने ईस्वर से मनाया है
क्यों की इससे समाज को कई फायदे हैं
सबसे पहले नौकरी के आवेदनों में कमी आएगी
पढ़े लिखे बेरोजगारों की लाइन थोड़ी छोटी हो जाएगी
समाज में दूसरी समस्या दहेज़ की आती है
जो मेरे फेल होने से शाल्ब हो जाती है
मैं मैट्रिक फेल हूँ …. यह सोंच कर आप शर्मायेंगे
और मेरी शादी में दहेज़ नहीं मांग पाएंगे
उलटे घूस (दहेज़) देकर मेरी शादी करवाएंगे
खैर !
मेरे मित्रों ने भी रंग दिखाया है
और मुझे अनपढ़ यूनियन का लीडर बनाया है
हम
पढ़े लिखे दहेज़ खोरों के खिलाफ आवाज उठाएंगे
लड़कियों से इनका बहिष्कार करवाएँगे
और सभी एम्प्ल्वाएड लड़कियों की शादी
बिना दहेज़ मैट्रिक फेल से करवाएंगे
जिसे देख कर… सब के सब फेल होना चाहेंगे
और अगर …दुर्भाग्य से पास हो गए
तो घूस देकर
फर्जी फेल का सर्टिफिकेट बनवायेंगे !
इस तरह से नारी प्रधान समाज आएगा
पत्नी कमाएगी और पति खायेगा
तब नारी को पति की चिता पर बिठाया नहीं जायेगा
दहेज़ के लिए जिन्दा जलाया नहीं जायेगा
क्योंकि यह समाज उसी की कमाई खाएगा
अरे सोंचते क्या हो
यह अनपढ़ यूनियन का खेल है
ग्यारवीं सदी से इक्कीसवी सदी का मेल है
क्यों की
दूल्हा मैट्रिक फेल है।
nice piece of poetry. waise padh likh kar bhi yeh changes aa sakte hain,fail hone ki jaroorat nahi.
जवाब देंहटाएंPar abhi tak to padhne likhne wale hi sabse bade dahej khor nikle hain......bechare aadivasi ji kabhi school ka muh nahin dekha bina dahej ke hi shadi karte hain..Yeh padhe likhe smaj ki hi upaj hai.
जवाब देंहटाएंactually adhoora gyan is very dangerous, more dangerous than agyan. similarly people have gained education & not knowledge. groom may be educated but their families r not.there is a positive change where family members(upto grandparents level) r also educated.
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंयह वास्तव में सच है और आम भावना है, लेकिन आज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि सामान्य ज्ञान बहुत असामान्य बन गया है. (सत्येंद्र)
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